बेबस, बेकस, बेकार, बेकरार ऐसे क्यों हैं ये लोग कुछ ज्यादा ही होशियार क्यों हैं हर एक चेहरे पर एक मुखौटा है 'निर्जन' इन लोगो के ज़हर में बुझे किरदार क्यों हैं #तुषाररस्तोगी #निर्जन #तमाशा_ए_ज़िंदगी #लोग #मुखौटा #ज़हर #yqdidi Follow my writings on https://www.yourquote.in/rastogi_tushar #yourquote