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Channel: तमाशा-ए-जिंदगी
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दिल जला के उसको याद किया

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चाहत से भरे उस सागर में
बहती लहरों की गागर में  
अपने दिल को आज़ाद किया
दिल जला के उसको याद किया

उन मतवाली रातों में
उसकी नशीली बातों में
चुप रहकर खुद को बर्बाद किया
दिल जला के उसको याद किया

एक नज़र जब उसको देखा
दिल जिगर चाहत में फेंका
जा मस्जिद में फ़रियाद किया
दिल जला के उसको याद किया

इस जीवन के बही खातों में
उन बीते ख्वाबों और रातों में
जाग खुद अपने से बात किया
दिल जला के उसको याद किया

उन कलियों के खिलने से पहले
उन गलियों में मिलने से पहले
आशिक दिल ही दिल आबाद हुआ
दिल जला के उसको याद किया

दिल जला के उसको याद किया 

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