#tusharrastogi #shayari #jazbaat #hindi #life #YQbaba #tamashaezindagi Follow my writings on http://www.yourquote.in/tushar-rastogi-mdr/quotes/ #yourquote
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शेर शायरी
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शेर शायरी
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गुलबन कर गया
रौशन चरागों को मेरा नसीब कर गया
ख़ुदा शायद मुझे ख़ुशनसीब कर गया
मंज़िलों के रास्ते मेरे आसान कर गया
हर एक मरासिम वो मेरे नाम कर गया
ज़र्रा-ज़र्रा महक उठा जिसकी ख़ुशबू से
है कौन जो शामों को सरनाम कर गया
बहक रहा हूं अब भी मैं अरमानों में तर
वो फ़रिश्ता नज़रों से दिल में उतर गया
सजा कर राह में 'निर्जन'गुंचा-ए-ग़ुलाब
ख़ुदा शायद मुझे ख़ुशनसीब कर गया
मंज़िलों के रास्ते मेरे आसान कर गया
हर एक मरासिम वो मेरे नाम कर गया
ज़र्रा-ज़र्रा महक उठा जिसकी ख़ुशबू से
है कौन जो शामों को सरनाम कर गया
बहक रहा हूं अब भी मैं अरमानों में तर
वो फ़रिश्ता नज़रों से दिल में उतर गया
सजा कर राह में 'निर्जन'गुंचा-ए-ग़ुलाब
मेरा दिलबर मेरी राहें गुलबन कर गया
मरासिम - रिश्ते / Relations
गुलबन - ग़ुलाब की झाड़ी / Rosebush
#तुषारराजरस्तोगी
मरासिम - रिश्ते / Relations
गुलबन - ग़ुलाब की झाड़ी / Rosebush
#तुषारराजरस्तोगी
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तेरा इश्क़
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WORK FROM HOME 100% LEGAL 100% GENUINE WORK
Work from Home or Anywhere in India
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Proposal For DIGITAL MARKETING specially for those who want to work at their ease and comfort. Specially for homemakers, college students and Digital entrepreneurs.
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फ्री मै कुछ नही मिलता फ्री वाले क्रप्या दूर रहे,!!
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Company:- Paynut Digital Pvt. Ltd.
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डिजिटल मीडिया कंपनी जो 29 जनवरी 2017 को लांच हुई है। यह कंपनी अपने ग्राहकों (Client's ) को उनकी वेबसाइट पर अधिक से अधिक ट्रैफिक (genuine visitors) प्रदान कराती है। जहां पर हम कुछ टास्क करके या वेबसाइट के व्यू टास्क बटन पर क्लिक करके 40 रु. से लेकर 800 रु तक रोज़ाना कमा सकते हैं। यह कंपनी 100% geniune 100% लीगल है।
कंपनी में हमे प्रत्येक टास्क के 20 रु मिलते हैं। एक टास्क को क्लिक करने पर 4 से 7 सबटास्क खुलते हैं और अपने आप बंद हो जाते हैं 1 मिनट में टास्क पूरा हो जाता है और इस टास्क को करने के हमे 20 रु मिलते हैं।
कंपनी से ज्वाइन होने के पैकेजेस हैं।
1 :- 3500 + 15% सर्विस टैक्स = 4025 रु.
2 टास्क x 20 = 40 रु प्रतिदिन
2 :- 7000 + 15% सर्विस टैक्स = 8050 रु.
4 टास्क x 20 = 80 रु प्रतिदिन
3 :- 14000 + 15% सर्विस टैक्स = 16100 रु.
10 टास्क x20 = 200 रु प्रतिदिन
4 :- 28000 + 15% सर्विस टैक्स = 32200 रु.
20 टास्क x20 = 400 रु प्रतिदिन
5 :- 56000 + 15% सर्विस टैक्स = 64400 रु.
40 टास्क x20 = 800 रु प्रतिदिन
Note :-
(1) सभी पैकेजेस की वैधता 11 महीने तक है ।
(2) शनिवार और रविवार को टास्क नहीं आएगा ।
(3) सभी प्रकार का लेन देन बैंक के माध्यम से ही होगा।
(4) PAN card, KYC, Bank Proof अनिवार्य है।
Working program:-
1 :- बूस्टर (booster)
आप इस बिज़नस को आगे दो लोगों को प्रमोट करके अपने डेली टास्क को दुगना कर सकते हैं और दुगनी इनकम प्राप्त कर सकते हैं !
2 :- Direct :- 5%
3 :- मैचिंग बोनस :- 1:1 पर 10% है
4 :- मंथली रिवार्ड्स
Website:- www.paynutdigital.com
For Any Assistance or queries feel free.
Contact - 9953511295
WhatsApp - 9818034006
Introducer ID- Tushar007, Tushar008, Tushar009
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(2) शनिवार और रविवार को टास्क नहीं आएगा ।
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(4) PAN card, KYC, Bank Proof अनिवार्य है।
Working program:-
1 :- बूस्टर (booster)
आप इस बिज़नस को आगे दो लोगों को प्रमोट करके अपने डेली टास्क को दुगना कर सकते हैं और दुगनी इनकम प्राप्त कर सकते हैं !
2 :- Direct :- 5%
3 :- मैचिंग बोनस :- 1:1 पर 10% है
4 :- मंथली रिवार्ड्स
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सन्देश सदा ही देता है
तृष्णा से बड़ा, कोई भोग कहाँ
सब पाने का लगा है, रोग यहाँ
अपने अपनों से क्या, बात करें
ख़ुदगर्ज़ हो गए, सब लोग यहाँ
पाषाणों में, जीवन को भरने की
कोशिश में, 'निर्जन'रहता है
हर पल जीवन, जी भर जीने का
सन्देश सदा ही देता है...
है अंत तुम्हारा, उस चिट्ठी में
जो है, ऊपर वाले की मुट्ठी में
अब मान भी जा, ज़िद पर ना आ
कोई रहा ना बाक़ी, इस मिट्टी में
फिर क्यों, लड़ने की चाहत में
तू पल-पल बलता रहता है?
हर पल जीवन, जी भर जीने का
सन्देश सदा ही देता है...
अब बाँध ज़रा, दिल को अपने
और थाम ज़रा, कल को अपने
अल्फ़ाज़ों को करके, मौन तेरे
और ढूंढ बचे यहां हैं, कौन तेरे
अब त्याग भी दे, इस अहम् को
जिसमें हर पल तू मरता रहता है
हर पल जीवन, जी भर जीने का
सन्देश सदा ही देता है...
#तुषाररस्तोगी #निर्जन #तमाशा-ए-ज़िन्दगी #हिंदी #कविता #सन्देश #जीवन #पीड़ा #तृष्णा #ख़ुदगार्ज़ #ज़िद #दिल #अल्फ़ाज़ #अहम्
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मोहब्बत होने लगी है
लगता है मोहब्बत होने लगी है
ज़िन्दगी ये उनकी होने लगी है
चलते हैं साथ जिस रहगुज़र पर
जानिब-ए-गुलिस्ताँ होने लगी है
गुल-ऐ-विसाल है मुस्कान उनकी
उफ़! जादा-ए-हस्ती होने लगी है
इश्क़ में उनके असीर हो गया हूँ
तौबा नज़र भी उनकी होने लगी है
ख्वाबों में ही चाहे नींद मेरी अब
आगोश में उनके सोने लगी है
'निर्जन'है साहिल मंजिल वही है
ख़ुशबू में उनकी रूह खोने लगी है
लगता है मोहब्बत होने लगी है...
रहगुज़र - पथ
जानिब-ए-गुलिस्ताँ - गुलाबों के बगीचे की तरफ़
गुल-ऐ-विसाल - मिलन के फूल
जादा-ए-हस्ती - ज़िन्दगी की राह
असीर - बन्दी
आग़ोश - आलिंगन
#तुषाररस्तोगी
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Article 0
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ज़रा अंजाम होने दो
अभी तारे नहीं चमके
जवां ये शाम होने दो
लबों से जाम हटा लूँगा
बहक कर नाम होने दो
मुझे आबाद करने की
वजह तुम ढूंढती क्यों हो?
मैं बर्बाद ही बेहतर हूँ
नाम ये बेनाम रहने दो
अभी मानी नहीं है हार
मुझे अंगार पे चलने दो
मैं हर वादा निभाऊंगा
ज़िद्दी हालात संवारने दो
मेरा इमान है अनमोल
उन्हें अंदाज़ा लगाने दो
मैं ख़ुद को बेच डालूँगा
नीलामी दिल की होने दो
इब्तदा-ए-इश्क में तुम
हौंसला क्यों हार बैठे हो
जीत लेगा तुम्हे 'निर्जन'
ज़रा अंजाम होने दो
#तुषारराजरस्तोगी
जवां ये शाम होने दो
लबों से जाम हटा लूँगा
बहक कर नाम होने दो
मुझे आबाद करने की
वजह तुम ढूंढती क्यों हो?
मैं बर्बाद ही बेहतर हूँ
नाम ये बेनाम रहने दो
अभी मानी नहीं है हार
मुझे अंगार पे चलने दो
मैं हर वादा निभाऊंगा
ज़िद्दी हालात संवारने दो
मेरा इमान है अनमोल
उन्हें अंदाज़ा लगाने दो
मैं ख़ुद को बेच डालूँगा
नीलामी दिल की होने दो
इब्तदा-ए-इश्क में तुम
हौंसला क्यों हार बैठे हो
जीत लेगा तुम्हे 'निर्जन'
ज़रा अंजाम होने दो
#तुषारराजरस्तोगी
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एक शेर
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उत्कंठा
मैं, हर कविता को, एक प्रेमी की तरह,
अपने साथ मुलाक़ात करने ले जाता हूँ,
अपने शयनकक्ष में, अपने बिस्तर पर...
बड़ी आतुरता सुकून से रसपान करता हूँ,
व्याकुल अतिलोलुप की भाँती तेज़ी से,
उसके चेहरे को छू हथेलियों से थामता हूँ...
शब्दों की दरारों को, गले लगाता हूँ,
भावनाओं की हर स्नेही और उष्ण सांस,
'निर्जन', के कानों को उग्र सुनाई देती है...
बदन की ख़ुशबू जैसे, मंद बहते पन्ने,
गुनाहगार, स्वादिष्ट हस्तलिपि की,
मिठाई को चाटते रसीले पापी होंठ...
कोमल जीवन के, स्वाद से भरपूर,
जो कभी किसी को, पर्याप्त नहीं मिलता,
बेहद सरल, स्पष्ट, शालीनतापूर्वक वर्णित...
अपने साथ मुलाक़ात करने ले जाता हूँ,
अपने शयनकक्ष में, अपने बिस्तर पर...
बड़ी आतुरता सुकून से रसपान करता हूँ,
व्याकुल अतिलोलुप की भाँती तेज़ी से,
उसके चेहरे को छू हथेलियों से थामता हूँ...
शब्दों की दरारों को, गले लगाता हूँ,
भावनाओं की हर स्नेही और उष्ण सांस,
'निर्जन', के कानों को उग्र सुनाई देती है...
बदन की ख़ुशबू जैसे, मंद बहते पन्ने,
गुनाहगार, स्वादिष्ट हस्तलिपि की,
मिठाई को चाटते रसीले पापी होंठ...
कोमल जीवन के, स्वाद से भरपूर,
जो कभी किसी को, पर्याप्त नहीं मिलता,
बेहद सरल, स्पष्ट, शालीनतापूर्वक वर्णित...
#तुषाररस्तोगी #निर्जन #उत्कंठा #हिंदी #कविता #ज़िन्दगी
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एक शेर
उनके अलफ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला
इश्क़ उनसे है 'निर्जन'का यही अब फैसला
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे इश्क़ की इंतहा
हम अभी से क्या बताएं जो हमारे दिल में है
#वन्देमातरम #जीवन #तुषार #रस्तोगी #निर्जन #तमाशा_ए_जिंदगी #हिंदी #उर्दू #शायरी #इश्क़ #जज़्बात #वक्त #मोहब्बत #tamashaezindagi #tushar #rastogi #nirjan #life #hindi #urdu #shayari #YQbaba #YQdidi
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ज़रा सोचें
मेरी एक फेसबुक मित्र ने यह व्यंग चित्र साँझा करते हुए इसका विरोध किया था और उनकी बात का समर्थन करते हुए मैं भी माता रानी का आहवान जोर से नहीं प्रेम और श्रद्धा के साथ करता हूँ। इसी के साथ राजू राजेश शुक्ल के बनाये इस व्यंग्य चित्र पर अपनी पुरज़ोर आपत्ति दर्ज करवाता हूँ और विरोध करता हूँ। मेरी बात शायद बहुत से लोगों को बुरी लग जाए, हो सकता है कई लोगों की जल जाए और वो राकेट बन जाएँ तथा कुछ लोग तो इस लेख के लिए मुझे धिक्कारने भी लग जायेंगे। शायद भाग्वाकरणी, धर्मांध और कट्टरवादी जैसी उपाधियों से सम्मानित भी करने लग जायेंगे। विपरीत राजनैतिक सोच वाले शायद यहाँ भी मोदी साहब को इस से जोड़ कर टीका टिपण्णी करने से बाज़ नहीं आयेंगे या अंधभक्त या कुछ और कहने लग जायेंगे तो कोई अचरज ना होग। आपने कबीरदास जी का ये दोहा तो पढ़ा-सुना ही होगा -
कंकर पत्थर जोड़ कर, मस्जिद लई बनाये
ता चढ़ मुल्ला बांग दे, क्या बहिरा हुआ खुदाय
तो बांग देने की ये प्रथा यहाँ से शुरू हुई और देखा-देखि हिन्दूओं ने भी मंदिरों में, पंडालों में, धर्म स्थलों में, गली मोहल्लों में ध्वनिविस्तारक यंत्रों का प्रयोग करना शुरू कर दिया। हालाँकि इनके प्रयोग पर कोई आपत्तिजनक बात नहीं थी जब तक इनकी कर्णफोडू आवाज़ से आम जनता को किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं था परन्तु समय के साथ गली मोहल्लों के आवारा, निकम्मों और नाकारा मुर्गों ने इन आयोजनों को अपनी बेहूदगी की बांग और टांग दोनों देना शुरू कर डाला। हर एक त्यौहार होली, दिवाली, गणपति पूजन, नवरात्रे आदि जैसे श्रद्धा के मौकों पर अपनी बेहयाई का नंगा नाच शुरू कर दिया। तेज़ आवाज़ में डीजे बजने लगे, लाउडस्पीकर चलने लगे, छिछोरे गानों की तर्ज़ पर भजन-गीत-संगीत बजने लगे और मदिरापान कर लफ़नडर नाचने लगे। यहाँ तक की कुछ तो अपनी ख़ुद की फटी आवाज़ में माइक पर चिल्ला-चिल्ला कर जनता का खून पीने लगे। तो भाई मैं तो इतना ही कहना चाहूँगा के खरबूज़े को देखकर ही खरबूज़ा रंग बदलता है पर यदि किसी सड़े हुए खरबूज़े को देखकर रंग बदलोगे तो तुम भी सड़ोगे ही मेह्कोगे नहीं। सनातन धर्म में हाथ जोड़ श्रद्धा और शांति के साथ प्रार्थना करना सिखाया गया है चिल्ला चिल्ला कर आसमान सर पर उठाना नहीं।
परन्तु एक बात तो सर्वव्याप्त और सर्वविदित है इंसान भले ही इस कुकृत्य से विचलित हो जाये, आग बबूला हो जाएं, आपा खो दें परन्तु यह सब आँखों के सामने होता देखते हुए भी प्रभु की स्थापित प्रतिमा के चेहरे पर नितांत प्रसन्नता के भाव ही होते हैं। उनके होठों पर सदैव मुस्कान ही छलकती रहती है और इतना सहकर भी उनके आशीर्वाद का हाथ सभी प्रकार के झंडूपंचारिष्टों पर समान बना रहता है। फिर क्यों इनके जैसे कलाकार अभिव्यक्ति की छूट की आड़ में ऐसे वाहियात व्यंग चित्र बनाकर ख़ुद अपने ही धर्म का अपमान करने में लगे रहते हैं। एक तरफ़ तो घटिया मानसिकता वाले सेक्युलर वादी/वामपंथी/दो कौड़ी के मानवाधिकारवादी/ छद्म दिखावेबाज़ देश और धर्म दोनों की हर तरफ़ से ख़ूब बजाने पर तुले हुए हैं और उसपर छौंक लगाने का काम ऐसे कलाकार करते हैं। धिक्कार है ऐसी मानसिकता पर जो मातारानी को इतना असहाय दर्शाती है। मातारानी शक्ति की प्रतीक हैं। ऐसी छोटी-मोटी बातों से यदि वो विचलित होने लग गईं तो उन्हें माँ दुर्गा कौन कहेगा। वो जगत जननी हैं इससे ज्यादा पीड़ा और दर्द का एहसास तो माताएं प्रसव के समय बर्दाश्त करती हैं। यहाँ कलाकार ने माता के साथ नारी का भी मखौल बना कर रख दिया है। यदि उन्होंने ज़रा सी फूँक भी मार दी तो समझो विश्व में प्रलय आ जाएगी। लगता है ये महाशय चण्डिका और माँ काली को भूले बैठे हैं।
मेरे अनुसार यहाँ देवी माँ के स्थान पर कोई प्रताड़ित साधारण मनुष्य होना चाहियें था और देवी माँ उस पर अपना आशीर्वाद बनाते हुए मुस्कुरा रही हैं ऐसा होना चाहियें था। मैं तो राजू से कहूँगा कि वो अपनी इस त्रुटी को सही करें और इस व्यंग चित्र को इन्टरनेट और सभी जगहों से हटा लें। आप ख़ुद ही अपने आराध्य का ऐसे अपमान क्यों कर रहे हैं? सवाल बस यही है - मातारानी ऐसी सोच वालों को सद्बुद्धि प्रदान करें, ऐसी मेरी मनोकामना है, बाकी तो सब मोह-माया है...ख़ुद की अक्ल लगाओ और ख़ुद ही जवाब पाओ। यदि आप समझदार हैं, तो समझे तो ठीक समझे। नहीं समझे तो समय आने पर समझ जाओगे, और यदि समझने की गुंजाइश शेष बची ही नही हो तो ज़ोर से बोलो जय माता दी - वो सबका भला करती हैं तुम्हारा भी करेंगी।
#जय_माता_दी
#तुषाररस्तोगी
#क्रन्तिकारी_सनातन_विचारधारा
#क्रोधितविरोध
#हर_हर_हर_महादेव
#कट्टर_हिन्दू
#व्यंगचित्र_हटाओ
#आलोचना
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अर्ज़ किया है
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अर्ज़ किया है
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अर्ज़ किया है
इश्क़ परखने का हुनर, हम बख़ूबी जानते हैं
कौन है आशिक़-ए-बुताँ, हम बख़ूबी जानते हैं
आशिक़-ए-बे-दिल के, बैत-ए-आशिक़ाना में
कौन है फ़र्द-ए-बशर, हम बख़ूबी जानते हैं
आशिक़-ए-बुताँ - beauty lover
आशिक़-ए-बे-दिल - heartless lover
बैत-ए-आशिक़ाना - temple of love
फ़र्द-ए-बशर - unique human being
कौन है आशिक़-ए-बुताँ, हम बख़ूबी जानते हैं
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#yqdidi #निर्जन #तुषाररस्तोगी #तमाशा_ए_जिंदगी #इश्क़ #उर्दूशायरी #आशिक़
Follow my writings on https://www.yourquote.in/rastogi_tushar #yourquote
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ये ज़मी गा रही है
ये ज़मीं नहीं हम गा रहे हैं ;)
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#romantic #amitkumar #bollywood #yehzameengaarahihai #tusharrastogi #tamashaezindagi #hindi #song
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[tusharrastogi] sings Yeh Zameen Gaa Rahi Hai by Amit Kumar, what an incredible voice on StarMaker!
StarMaker, breaking barriers with the universal language of music!
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अर्ज़ किया है
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अर्ज़ किया है
तिश्नगी अपनी दानिस्ता नाआश्ना 'निर्जन'हुआ
नुक्तादानी करके भी नाशिनास साबित हुआ
तिश्नगी : लालसा, अभिलाष
दानिस्ता : जानते हुए
नाआश्ना : अजनबी
नुक्तादानी : बुद्धिमानी
नाशिनास= अज्ञानी
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