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Channel: तमाशा-ए-जिंदगी
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क्या लिखूं क्यों लिखूं

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स्याह ज़िन्दगी मेरी, कलम-ए-दर्द से कहूँ
जो लिखूं तो लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

सोच कर तो कभी, कुछ लिखता नहीं
वो लिखूं सो लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

एक फ़क़त सोच पर, जोर चलता नहीं
हाँ लिखूं ना लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

ग़म-ए-ऐतबार को, खून-ए-रंज से कहूँ
दिल लिखूं जां लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

तेरी बेवफाई का, हर सबक मैं कहूँ
कब लिखूं अब लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

फ़नाह 'निर्जन' कभी, दुःख से होगा नहीं
जी लिखूं मर लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूं

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