क्या कहता
ख़ुदा जाने मैं क्या कहता, जो कहता मैं क्या कहतासही के लिए क्या कहता, ग़लत के लिए क्या कहतारहती है दूर क्या कहता, मिलने को ही क्या कहतामिलते रहना ही क्या कहता, क्या है दिलमें क्या कहतासूरज और चंदा क्या...
View Articleऐ बी सी डी - अमरीका में बिगड़ा कन्फ्यूज्ड देसी
कुछ हिन्दुस्तानी लोग जब अमरीका या किसी और देश चले जाते हैं और जब वहां से वापस आते हैं तो देखिये उनके तौर तरीको और रवैयों के अन्दाज़ | पेश करता हूँ..Always says, “Bless you”, whenever someone...
View Articleबड़ी हुई बच्ची
कल कहीं पढ़ा था मैंनेकुछ लिखा किसी नेऐसा भीबड़ा हुआ एक बच्चासच्ची बहुत बड़ा बच्चापाता है शादी कर केपत्नी रूप में एक ग़च्चाअम्मा बन सर बैठती हैझेलती है वो जीवन भरनाज़ और नखरे अपनेअपना अस्तित्वअरमान और...
View Articleश्रीमती अनारो देवी - भाग १०
अब तक के सभी भाग - १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९, १०---------------------------------------------------------प्रभु की अनुकंपा साहू साब के परिवार पर निरंतर सुधाकर से बरसती शीतल और कोमल स्नेह से परिपूर्ण...
View Articleबदल रहा है
दुनिया बदल रही हैज़माना बदल रहा हैइंसानी फितरत काफ़साना बदल रहा हैभूख बदल रही हैभोजन बदल रहा हैविकृत हाथों कानिशाना बदल रहा हैआचार बदल रहा हैविचार बदल रहा हैभेड़िये दरिंदों सा किरदार बदल रहा हैसलीका...
View Articleबकरचंद
आज बने है सब बकरचंदपखवाड़े मुंह थे सब के बंदआज खिला रहे हैं सबकोबतोलबाज़ी के कलाकंदबने हैं ज्ञानी सब लामबंदपोस्ट रहे हैं दना-दन छंदआक्रोश जताने का अब क्या बस बचा यही है ढंगबकर-बक करे से क्या होमिला है...
View Articleकर्म और अकर्मण्यता
हे प्रभु! आपने तोबचपन से हीकर्म को प्रधानता दीफिर यह मध्यकालआते-आते अकर्मण्यताको क्यों बाँध लियाअपने सर कासेहरा बना कर,बनाकर एकअकमणयता की सेजतुम्हारी ये निद्रातुम्हारे ही लिए नहींसमस्त जन कोपीड़ा की...
View Articleक्या लिखूं क्यों लिखूं
स्याह ज़िन्दगी मेरी, कलम-ए-दर्द से कहूँजो लिखूं तो लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूंसोच कर तो कभी, कुछ लिखता नहींवो लिखूं सो लिखूं, क्या लिखूं क्यों लिखूंएक फ़क़त सोच पर, जोर चलता नहींहाँ लिखूं ना लिखूं,...
View Articleडर लगता है
दरिंदगी इस कदर बढ़ गई है ज़माने मेंडर लगता है यारो तार पर चड्डी सुखाने मेंलूटेरे हर जगह फिरते मुंडेरों पे, शाख़ो पेबना भेस अपनों सा लपकते हैं लाखों पेन लो रिस्क तुम बच के ही रहना दरिंदो सेदिखने में...
View Articleकलि
एक कलि खिली चमन मेंबन गई थी वो फूलबड़ा गर्व हुआ अपने मेंसबको गई थी वो भूलकहा चमन ने फिर उससेयहाँ रहता स्थिर नहीं कोईमत कर तू गुमान इतनाउसको बहुत समझायाआज तो यौवन है परकल तू ठूंठ भी हो जाएगीतब कोई तेरे...
View Articleसुन रहा है ना वो
कल मैंने आशिकी २ देखी | बहुत ही सुन्दर फिल्म बनाई टी-सीरीज ने | उसका एक गाना "सुन रहा है तू" बहुत ही सुरीला और उसके बोल दिल में अन्दर तक उतर गए हैं | अब तक मैं उस गाने को कम से कम ५० दफा सुन चुका हूँ...
View Articleमज़दूर दिवस
आज एक मई है, दुनियामजदूर दिवस मना रही हैकोई उनसे जाकर भी पूछेबेचारी मज़दूर की कौम, क्याइस दिन से कुछ पा रही है ?एक दिन मनाने से, क्याभूखे पेट का आगबुझ पा रही है ?आज भी वहीबाजरे की रोटी,लस्सन की चटनी,और...
View Articleकर्म की मिठास
पग घुंघरू बाँधमीरा नाची थीकेशवकी याद में, याफिर केशवके कर्मरंग, रूप, गुणकी गंध मेंमुग्ध हुईमन वीणा, कीझंकार परनाची थीहाँकर्म कीझंकार ही नेमीरा कोबाध्य कियानाचने परकर्म की मिठास हीजीवन को सतरंगीबनाती है
View Articleरसीले रंगीले हास्य से भरे काइकू
अपमान करना तकनीक का, ये मेरा मक़सद नहींकोशिश मेरी इतनी है बस, के हंसी आनी चाहियें----------------------------------------------------असली हैं हाइकूअपने हैं काइकूपढ़ो न पढ़ो...
View Articleधोखेबाज़
भैया जी, इस बरसतो गर्मी खूब हैइसी लिए अपने दिमागी की बत्तीएकदम फ्यूज हैकशमकश मेंअपनी ज़िन्दगी हैदिल का करेंवो भी कन्फूज हैकनेक्ट करने कीजो कोशिश कीहर कनेक्शन का फ्यूज भी ऑफ हैआलम अब तोज़िन्दगी का जे है...
View Articleदुःख
दिल लगे तब दुःख होता हैदुःख होता है तो तू रोता हैजो रोता है तो चैन से सोता हैसोता है तो सपनो में खोता हैबातें जो तप चुकी दिन मेंशब्द जो पक चुके मन मेंअब सपनो में दिख जाते हैसियाह रात में बहे जाते हैबाल...
View Articleकिसकी सज़ा है ?
ऐ वादियोंमैं तुम से पूछता हूँझरनों में भी देखता हूँनदियों में ढूँढता हूँये नयन न जानेकिसे खोजते हैंकिसकी सज़ा हैये किसकी सज़ा हैप्रभाकर जब आएगाचमक उठेगा मनडोल उठेगी आत्मापर्वतों पर कूदतीझरनों को...
View Articleआईपीएल की खुल गई पोल
हल्ला बोल हल्ला बोलआईपीएल की खुल गई पोलअन्दर खाने कित्त्ते हैं झोलहो रही सबकी सिट्टी गोलये मैच नहीं ये फिक्सिंग हैलगता मुझको तो मिक्सिंग हैबीमारी है अड़ियल अमीरों कीये नसल है घटिया ज़मीरों कीनैतिकता...
View Articleचाँद पूनम का
चाँद पूनम का सियाह रात में मुकम्मल देखासितारों को भी चांदनी में मुज़म्मिल देखारात चाँद की चांदनी में सिसकता बदल देखामैंने रात की आँखों से पिघलता काजल देखाकाजल सी रात में तेरी बातें करता रहा खुद...
View Articleहास्य दोहावली
लड़े नौजवान, हुए शहीद, खून बहा के मिली आज़ादीयुवा को ठेंगा दिखा बुद्धों ने कर ली कुर्सी से शादी------------------------------------------------------------------घायल बिल्ली दूजी बिल्ली से, बोली यह...
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