घुंघरू
आज एक मूक घुंघरू भी कह उठामैं, मूक नहीं हूँ वो कहता है मेरा स्वरप्रत्येक व्यक्ति के लिए नहीं है उस व्यक्ति केलिए नहीं है जो मुझे जानने की इच्छा रखता है जो मुक्ता का स्वर जानता है दर्द पहचानता है उच्च...
View Articleचाटुकारी और चाटुकार
चाटुकारी बड़ी महामारीएक चाटुकार सौ पर भारीअमानवता धर्म है इनकाथूक चाटना कर्म है इनका तलवे चांटे, चलाए दिमागजय जय चापलूस विभागदेशभक्त अब साइड हो गएचाटुकार ही गाइड हो गएपानी जैसा रक्त हो गयानेता का...
View Articleआवाज़ बुलंद अब करना है
कमाल है धमाल हैलोकतंत्र बेमिसाल हैजनता का बुरा हाल हैये सरकारी चाल हैभूखे गरीब मर रहेधनवान तिजोरी भर रहेमहंगाई से लोग डर रहेपप्पू मज़े हैं कर रहेक़ुदरत भी आज ख़िलाफ़ हैकुकर्मों का अभिश्राप हैविपदा जो...
View Articleस्वराज या गुंडाराज – मर्ज़ी है आपकी क्योंकि देश है आपका
अपनी बात को मैं इन दो पंक्तियों के माध्यम से आरम्भ कर रहा हूँ कुछ ज़बानों पर हैं ताले, कुछ तलवों में हैं छालेपर कहते हैं कहने वाले, के स्वराज चल रहा है किस हाल से हमारा यह समाज गुज़र रहा है ? 'सब चलता...
View Articleनमाज़ में वो थी
नमाज़ में वो थी, पर ऐसा लगा किदुआ हमारी, कबूल हो गईसजदे में वो थी, पर ऐसा लगा किखुदा हमारी, वो रसूल हो गईआयतों में वो थी, पर ऐसा लगा किज़िन्दगी हमारी, नूर हो गईतज्बी में वो थी, पर ऐसा लगा किमुख़्लिस...
View Article'स्वराज' लिखूंगा
कलम उठा दीवारों पर, 'स्वराज' लिखूंगाअपने दिल से उठती हर, आवाज़ लिखूंगामशाल उठा हाथों में, धर्म का ज्ञान कहूँगाअपने शब्दों से क्रांति का, मान कहूँगाबातें न कर के, अब बस मैं कर्म करूँगाराष्ट्र-हित में...
View Articleयह भारत है देश मेरा
यह भारत है देश मेराइस देश के लोग निराले हैंकुछ मरने मिटने वाले हैंकुछ करते घोटाले हैंकुछ देश के भक्त यहाँकुछ के ठाठ निराले हैंकुछ नेता के चमचे हैंकुछ बाबर के साले हैंजिहादी गुंडे कितनेदेखो दाढ़ी वाले...
View Articleएक मुलाकत 'सच्चे बादशाह' के साथ
अभी हाल ही में अमृतसर जाने का अवसर प्राप्त हुआ | अगर दुसरे शब्दों में बयां करूँ तो अचानक ही बैठे बैठे 'दरबार साहब- हरमिंदर साहिब' से बुलावा आ गया | तो बस उठे और चल पड़े कदम 'वाहे गुरु' को सीस नावाने |...
View Articleख़ुशी और सुख
ख़ुशी और सुख केअनमोल खज़ानेले चल मुझको वहां ठिकाने जहाँ तेरा ही बस डेरा हो जहाँ आनंद ने घेरा हो तेरे उस अथाह समुन्द्र मेंक्या मैं डूब ना जाऊंगा उबरने की कोई जगह ना हो बस मुस्कानों में डूबता जाऊंगा ले...
View Article'स्वराज' की हुंकार
अंतर्मन चीत्कार करबहिर्मन प्रतिकार करप्रघोष महाघोष करनिनाद महानाद करनाद कर नाद कर'स्वराज' का प्रणाद कर साम, दाम, दण्ड, भेदह्रदय में रह न जाये खेदभुलाकर समस्त मतभेदसीना दुश्मनों का छेदप्रहार कर प्रहार...
View Articleहंसी और ग़म
होठों पे हंसी, दिल में ग़म हैहम ही हम हैं, तो क्या हम हैंहोठों पे हंसी, दिल में ग़म हैकहीं ज्यादा है, कहीं पर कम हैहोठों पे हंसी, दिल में ग़म हैमुस्कान भी है, आँखे नम हैंहोठों पे हंसी, दिल में ग़म...
View Articleऐसे हैं हम
आदत में हम अपनीस्वराज ले भिड़ते हैंऐसे स्वाराजी है हमखून में हम अपने गर्मी ले बढ़ते हैंऐसे जोशीले हैं हमबदल सके जो हमकोज़माना नहीं बना वोऐसे हठीले हैं हमआसमानों में परिंदोंसे आजाद उड़ते हैंफौलादी हवाओं...
View Articleयहाँ दिल अब पत्थर हैं
व्यक्ति विशेष यहाँ ऐसे भी हैंजिनमें शेष अब प्राण नहींविचारों से निष्प्राण हैं जोउन्हें सही गलत का ज्ञान नहींकुछ लोग यहाँ ऐसे भी हैजो दोस्त बनकर डसते हैंमुंह देखे मीठी बातें करपीठ पीछे से हँसते हैंबातें...
View Articleस्वराज की मशाल
मशाल लिए हाथ में हर एक खड़ा है ये आम आदमी है न छोटा है न बड़ा है हल्का ही सही तमाचा तो लगा है चमचों की मुहीम पर एक सांचा तो कसा है मान लो गर गलती तो छोड़ देंगे हम जो करेंगे चापलूसी उन्हें तोड़ देंगे हम...
View Articleदर्द और मैं
दिल के दर्द क्यों दिखलाऊंदिल की बातें क्यों बतलाऊं दिल को अपने मैं समझाऊं जीवन में बस चलता जाऊं----------------------------------------------------------------दर्द मेरा बस मेरा ही हैदर्द तेरा बस मेरा...
View Articleलोगों की जान बचाएं
चम्मच चमचा जोड़, पार्टी लई बनायेबन नेताजी अब, तेवर हैं दिखलायेतेवर हैं दिखलाये, छुरी, कांटे भी हैजनता का लें ट्रस्ट, देते धोखा ही हैंबैठ सवारी कार की, मारुती में आयेशुरुवात में पार्टी, कंगाली...
View Articleइंतज़ार उसका मुझे
वो कहते हैं इश्क नहींहोता पहली नज़र मेंमैंने जिस से भी कियाआज भी निभा रहा हूँसुलगते जो दिल मेंजज़्बात रहते हैं मेरेआज लिखकर उन्हेंदिलसे बतला रहा हूँवो आया था नज़रों मेंफिर दिल को भा गयाएक निगाह डाल...
View Articleदोस्ती के जलवे
यह कविता समर्पित है मेरे अज़ीज़ दोस्तों के लिए :) जो हर एक तरह से दोस्त कहलाने के लायक है | उनमें एक अच्छे दोस्त के सभी कीटाणु मौजूद हैं | माता की तरह दुलार, पिताजी की फटकार, बहना की छेड़छाड़, भाई सा...
View Articleकब कहलायेगा देश महान ?
मेरा भारत है महानहर एक बंदा परेशानजनता इसकी है हैरानक्या यही है इसकी शान ?नेता सारे हैं बेईमानकरते सबका नुक्सानहरकतों से सब शैतानफिर भी पाते क्यों ईनाम ?नारी रूप दुर्गा समानकरुणा ममता की खानघुटती रहती...
View Articleचलो मिल जाएँ
आज फिल्म 'दूसरा आदमी' का एक गाना 'क्या मौसम है' जिसे 'किशोर दा, लता दी और मोहम्मद रफ़ी साहब' ने गाया है सुन रहा था । सुनते सुनते मन में आया कि क्यों ना इसकी तर्ज़ को अपने शब्दों में दोस्तों के नाम कुछ...
View Article