आदत में हम अपनी
स्वराज ले भिड़ते हैं
ऐसे स्वाराजी है हम
खून में हम अपने
गर्मी ले बढ़ते हैं
ऐसे जोशीले हैं हम
बदल सके जो हमको
ज़माना नहीं बना वो
ऐसे हठीले हैं हम
आसमानों में परिंदों
से आजाद उड़ते हैं
फौलादी हवाओं को
ले साथ फिरते हैं
गहराई सागरों की
मापते फिरते हैं
दोस्त हो या दुश्मन
गर्मजोशी से मिलते हैं
आँखों में हम अपनी
सपने ले जीते हैं
ऐसे मतवाले हैं हम
जिगर में हम अपने
आग ले जलते हैं
ऐसे लड़ाकू हैं हम
दिल में 'निर्जन' अपने
उम्मीद ले चलते हैं
ऐसे आशावादी हैं हम