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Channel: तमाशा-ए-जिंदगी
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मेरा रहबरा

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ओ रे मितवा, तू है मेरा रहबरा
बन रहा है, तुझसे मेरा राबता

दिल से मेरे है अब, तेरा वास्ता
तू ही दिखा दे अब, आगे रास्ता

तू रहगुज़र-ए-दिल-ए-खुशखीरां
लग रहा है तू ही, मेरा कहकशां

खुदा हो रहा 'निर्जन'पर मेहरबां
मिलते हैं उसकी रहमत से कद्रदां

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